खबरीलाल टाइम्स डेस्क : विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय ने कार्यक्रमों के दौरान कोई नीति और योजनाएं पेश नहीं की हैं। हालांकि, भारत सरकार वस्‍त्र क्षेत्र में रोज़गार सृजन के लिए प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र), उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई), राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) जैसी विभिन्न योजनाओं/पहलों को लागू कर रही है। इसके साथ ही, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय देश भर में हस्तशिल्प क्षेत्र के समग्र विकास और संवर्धन के लिए दो योजनाएं – राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) चला रहा है। दोनों योजनाओं में विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं जैसे गुरु शिष्य हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम (जीएसएचपीपी), व्यापक कौशल उन्नयन कार्यक्रम (सीएसयूपी) और डिजाइन तथा प्रौद्योगिकी विकास कार्यशाला (डीडीडब्ल्यू) जो हस्तशिल्प क्षेत्र में कौशल विकास बढ़ाने में मदद करते हैं।

भारत सरकार वस्त्र क्षेत्र में स्टार्टअप और नए व्यवसायों सहित वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं/पहलों को लागू कर रही है। इनमें प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र) योजनाएं शामिल हैं, जो एक आधुनिक, एकीकृत बड़े पैमाने पर, विश्व स्तरीय औद्योगिक परितंत्र बनाने का प्रयास करती हैं, जिससे निवेश आकर्षित करने और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए मानव निर्मित फाइबर और परिधान, और तकनीकी वस्त्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाली उत्पादन से जुड़ी पहल (पीएलआई) योजना; अनुसंधान नवाचार और विकास, संवर्धन और बाजार विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाला राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन शामिल हैं।

स्टार्ट-अप इंडिया पहल के अंतर्गत, सरकार तीन प्रमुख योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है, अर्थात् स्टार्ट-अप के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), स्टार्ट-अप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्ट-अप के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस), ताकि विभिन्न श्रेणियों और क्षेत्रों में स्टार्ट-अप को उनके व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों में समर्थन दिया जा सके।

उद्यम पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2016 में एफएफएस को मंजूरी दी गई और इसे स्थापित किया गया। इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) करता है जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) को पूंजी प्रदान करता है जो बदले में स्टार्टअप में निवेश करते हैं। एफएफएस के तहत समर्थित एआईएफ को स्टार्टअप में एफएफएस के तहत प्रतिबद्ध राशि का कम से कम 2 गुना निवेश करना आवश्यक है।

एसआईएसएफएस इनक्यूबेटर के माध्यम से सीड स्टेज स्टार्टअप को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। एसआईएसएफएस 1 अप्रैल 2021 से लागू है।

सीजीएसएस को पात्र वित्तीय संस्थानों [सदस्य संस्थानों (एमआई)] के माध्यम से स्टार्टअप्स को बिना किसी गिरवी के ऋण सक्षम करने के लिए लागू किया गया है। सीजीएसएस का संचालन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) लिमिटेड करता है। इसे 1 अप्रैल 2023 से चालू किया गया है।

पिछले पांच वर्षों अर्थात 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 के दौरान 31 दिसंबर 2024 तक डीपीआईआईटी द्वारा कपड़ा क्षेत्र में स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त संस्थाओं की संख्या नीचे दी गई है:-

उद्योग20202021202220232024
वस्त्र एवं परिधान204311457703765
यह जानकारी केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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