खबरीलाल टाइम्स डेस्क : माननीय प्रधानमंत्री ने पूरे देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से अटल नवाचार मिशन का शुभारंभ किया था। आज, नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) को विश्‍व के सबसे बड़े जमीनी स्तर के नवाचार आंदोलनों में से गिना जाता है और इसने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि इसकी प्रमुख पहल, मेगा टिंकरिंग दिवस 2025, ने प्रतिष्ठित इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई है। यह एक ही दिन में एक टिंकरिंग गतिविधि में भाग लेने वाले छात्रों की अधिकतम संख्या का एक नया रिकॉर्ड है। 12 अगस्त, 2025 को, 9,467 अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) स्कूलों के 4,73,350 छात्र स्वच्छ भारत के लिए एक समाधान तैयार करने के लिए एक साथ आए और एक लाइव, चरण-दर-चरण ऑनलाइन सत्र के माध्‍यम से अपना डीआईवाई वैक्यूम क्लीनर बनाया।

इस रिकॉर्ड की आधिकारिक पुष्टि और औपचारिक घोषणा 15 सितंबर, 2025 को इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स दोनों द्वारा की गई। यह मान्यता भारत के युवाओं में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को अभूतपूर्व पैमाने पर बढ़ावा देने के एआईएम के मिशन का प्रमाण है।

इस अवसर पर बोलते हुए अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक दीपक बागला ने कहा:

‘‘यह पहल माननीय प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत के विजन’ के अनुरूप है, जहां नवाचार और युवा शक्ति देश की विकास गाथा की नींव है। देश का भविष्य हमारी कक्षाओं में निर्मित हो रहा है और अटल टिंकरिंग लैब्स के जरिए हम छात्रों को न केवल तकनीकी कौशल से लैस कर रहे हैं, बल्कि बड़े सपने देखने, अलग सोचने और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने की मानसिकता भी दे रहे हैं।’’

उन्होंने आगे कहा, “मेगा टिंकरिंग डे सिर्फ़ एक रिकॉर्ड नहीं है – यह एक आंदोलन है। यह हमारे युवा नवप्रवर्तकों की सामूहिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश के सबसे दूरराज के  कोनों से लेकर उसके व्यस्त शहरों तक सीखने, सृजित करने और सहयोग के लिए एक साथ आए। विश्‍व के किसी भी अन्य देश ने अपने स्कूल ईको-सिस्‍टम के भीतर इस पैमाने पर नवाचार को गति नहीं दी है। यह रिकॉर्ड दर्शाता है कि जब आप सही उपकरण, मार्गदर्शन, प्रेरणा और नेतृत्व प्रदान करते हैं, तो भारत के बच्चे कल की दुनिया को फिर से आकार देने में सक्षम हैं।”

मेगा टिंकरिंग दिवस 2025 भारत के हर कोने के स्कूलों तक पहुंचा, जिसमें लेह, लद्दाख, कारगिल और कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र, विरुधुनगर जैसे आकांक्षी ज़िले, मणिपुर, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्य और दक्षिण में कन्याकुमारी और पश्चिम में भुज जैसे दूरस्थ भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं। भागीदारी के इस पैमाने ने यह स्‍पष्‍ट कर दिया कि एआईएम भौगोलिक और अवसंरचनात्मक बाधाओं को पार करते हुए छात्रों को खोज और नवाचार की साझा यात्रा में एकजुट करने में सक्षम है।

अपनी स्थापना के बाद से अटल इनोवेशन मिशन ने पूरे देश में 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्‍स स्थापित की हैं, जो ऐसे राष्‍ट्रीय स्‍तर के नेटवर्क का निर्माण करती हैं जहां छात्र को 3डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (एलओटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी प्रौद्योगिकियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्‍त करती हैं। ये प्रयोगशालाएं छात्रों में समस्या-समाधान, डिज़ाइन थिंकिंग और उद्यमशीलता की भावना को पोषित करने के लिए बनाई गईं हैं, ताकि वे भविष्‍य के नवोन्‍मेषक बन सकें।

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