खबरीलाल टाइम्स डेस्क : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन भारत को कनेक्टिविटी से लेकर वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की ओर ले जा रहा है
कॉलेज छात्रावासों से लेकर अंतरिक्ष मिशनों तक भारत में नवाचार इंजन अब समावेशी हैं
केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने आज नई दिल्ली के यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 के अवसर पर “कनेक्टिविटी से आगे: भविष्य के नवाचार के इंजनों का लोकतंत्रीकरण” के विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत नवाचार को एक विशिष्ट प्रयास से जनांदोलन में बदल रहा है।
डॉ. चंद्रशेखर ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत एक ऐसा नवाचार इको-सिस्टम तैयार कर रहा है जो समावेशी, सुलभ और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी हो। उन्होंने कहा, “हम भविष्य के नवाचार के इंजनों को प्रत्येक भारतीय के लिए उपयोगी बनाकर इसका लोकतंत्रीकरण कर रहे हैं।”
डॉ. चंद्रशेखर ने राष्ट्रीय चिंतन में आए बदलाव को भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अटल टिंकरिंग लैब्स से लेकर स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत तक की पहल नवाचार को सभी के लिए सुलभ बना रही हैं। भारत की विरासत – शून्य और शतरंज – पर विचार करते हुए उन्होंने कहा, “नवाचार हमारे डीएनए में है और हम इसे एक नई सदी के लिए जागृत कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने जो हासिल किया है वह व्यवस्थित है। दुनिया भारत पर इसलिए विश्वास करती है क्योंकि भारत को खुद पर विश्वास है। हम भविष्य के नवाचार के इंजनों को हर भारतीय के लिए कारगर बनाकर इसका लोकतंत्रीकरण कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में कनेक्टिविटी से रचनात्मकता की ओर भारत की नवाचार यात्रा एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम बन गया है। यहां 1.9 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं, जबकि पेटेंट दाखिल करने की संख्या दोगुनी हो गई है, जो 2014 में 40,000 से बढ़कर 2025 में 80,000 से अधिक हो गई है।
उन्होंने देश के नवाचार परिदृश्य के तेजी से विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि “कोड अब टियर-3 शहरों में लिखे जा रहे हैं और स्टार्टअप कॉलेज के छात्रावासों में जन्म ले रहे हैं। नवाचार अब एक विशेषाधिकार नहीं रहा, बल्कि यह एक राष्ट्रीय आदत बनता जा रहा है।”
डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डिजिटल समावेशन के एक दशक ने जेएएम ट्रिनिटी के माध्यम से, 900 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक कम लागत वाली इंटरनेट पहुंच और यूपीआई के 10 बिलियन से अधिक मासिक लेनदेन के माध्यम से नवाचार की नींव रखी है। इससे प्रत्येक नागरिक को जुड़ने, निर्माण करने और योगदान करने में सक्षम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3, स्वदेशी 4जी/5जी, मेड-इन-इंडिया एमआरआई और रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि जैसी उपलब्धियां भारत की बढ़ती तकनीकी ताकत और आत्मनिर्भरता की ओर इसकी यात्रा को दर्शाती हैं।
डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि जीएसटी, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, श्रम कानूनों का सरलीकरण और पूर्वव्यापी कराधान की समाप्ति जैसे सुधारों ने एक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल वातावरण तैयार किया है। उन्होंने कहा, “भारत लाइसेंस राज से हटकर विश्वास-प्रथम मॉडल की ओर अग्रसर होकर उद्यमियों को राष्ट्र-निर्माता के रूप में सम्मानित कर रहा है।”
इस सत्र में राकुटेन ग्रुप के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री हिरोशी मिकितानी, टी-मोबाइल के मुख्य नेटवर्क अधिकारी श्री अंकुर कपूर और जीएसएमए के अध्यक्ष श्री गोपाल विट्टल ने भाग लिया।