बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने शनिवार को पंजाब सरकार के फ्लैगशिप अभियान प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0 के तहत ज़ीरकपुर में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान चलाया, जिसके दौरान 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। उपायुक्त कोमल मित्तल ने बताया कि यह अभियान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के निर्देशों के अनुसार चलाया गया। पहचान और दस्तावेज़ों के सत्यापन तक बच्चों को पंजीकृत चाइल्ड केयर संस्थानों में स्थानांतरित किया गया है, यह जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने दी, जिन्होंने अभियान का नेतृत्व किया। उपायुक्त ने बाल शोषण के प्रति प्रशासन की शून्य-सहिष्णुता नीति दोहराते हुए कहा कि इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बच्चों को भिक्षावृत्ति में लगाना जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) अधिनियम, 2015 के तहत दंडनीय अपराध है। बाल विकास कमेटी के अध्यक्ष कुलवंत सिंह गुरु ने कहा कि जिन मामलों में कथित अभिभावक वैध पहचान दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में असफल रहते हैं, वहाँ डीएनए परीक्षण की सिफारिश उपायुक्त को की जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि बच्चों की भिक्षावृत्ति से संबंधित मामलों की तुरंत सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें, ताकि समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।
बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने शनिवार को पंजाब सरकार के फ्लैगशिप अभियान प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0 के तहत ज़ीरकपुर में बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान चलाया, जिसके दौरान 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। उपायुक्त कोमल मित्तल ने बताया कि यह अभियान सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर के निर्देशों के अनुसार चलाया गया। पहचान और दस्तावेज़ों के सत्यापन तक बच्चों को पंजीकृत चाइल्ड केयर संस्थानों में स्थानांतरित किया गया है, यह जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी नवप्रीत कौर ने दी, जिन्होंने अभियान का नेतृत्व किया। उपायुक्त ने बाल शोषण के प्रति प्रशासन की शून्य-सहिष्णुता नीति दोहराते हुए कहा कि इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बच्चों को भिक्षावृत्ति में लगाना जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन) अधिनियम, 2015 के तहत दंडनीय अपराध है। बाल विकास कमेटी के अध्यक्ष कुलवंत सिंह गुरु ने कहा कि जिन मामलों में कथित अभिभावक वैध पहचान दस्तावेज़ प्रस्तुत करने में असफल रहते हैं, वहाँ डीएनए परीक्षण की सिफारिश उपायुक्त को की जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि बच्चों की भिक्षावृत्ति से संबंधित मामलों की तुरंत सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें, ताकि समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।

