जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले के निवासियों से शीत लहर से बचाव करने की अपील की है। सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने कहा कि कड़ाके की ठंड के मौसम में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनसे सावधानियां अपनाकर बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से फ्लू, नाक बहना, हाइपोथर्मिया, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए मौसम विभाग की शीत लहर संबंधी भविष्यवाणी पर नजर रखना जरूरी है। बीमारियों व फ्लू से बचाव के लिए घर के भीतर रहना प्राथमिकता होनी चाहिए। घरों के दरवाजे व खिड़कियां अच्छी तरह बंद रखें ताकि ठंडी हवा अंदर न आ सके। डॉ. जैन ने कहा कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर को गर्म रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए विटामिन-सी से भरपूर संतुलित भोजन के साथ-साथ थोड़े-थोड़े अंतराल पर गुनगुने तरल पदार्थ लेते रहें। इसके अलावा बहुस्तरीय गर्म ऊनी कपड़े पहनें। उन्होंने आगे कहा कि इन दिनों बुजुर्गों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। घना कोहरा और कड़ाके की ठंड में बाहर टहलने से बचें। बुजुर्ग और हृदय रोगी सुबह-शाम सैर न करें, बल्कि धूप में ही टहलने को प्राथमिकता दें। सिविल सर्जन ने चेतावनी दी कि सर्दियों में घर के बंद कमरों में अंगीठी जलाकर कभी भी आग न सेंकें, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो जानलेवा साबित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के अधीन अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को ठंड से प्रभावित मरीजों के इलाज हेतु आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। डॉ. संगीता जैन ने बताया कि शरीर का तापमान कम होने पर बोलने में कंपकंपी, अधिक नींद आना, मांसपेशियों में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब से परहेज करें, क्योंकि शराब शरीर का तापमान घटाती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ाती है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में डॉक्टर से संपर्क करें या स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल करें।
जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले के निवासियों से शीत लहर से बचाव करने की अपील की है। सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने कहा कि कड़ाके की ठंड के मौसम में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनसे सावधानियां अपनाकर बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से फ्लू, नाक बहना, हाइपोथर्मिया, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए मौसम विभाग की शीत लहर संबंधी भविष्यवाणी पर नजर रखना जरूरी है। बीमारियों व फ्लू से बचाव के लिए घर के भीतर रहना प्राथमिकता होनी चाहिए। घरों के दरवाजे व खिड़कियां अच्छी तरह बंद रखें ताकि ठंडी हवा अंदर न आ सके। डॉ. जैन ने कहा कि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर को गर्म रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए विटामिन-सी से भरपूर संतुलित भोजन के साथ-साथ थोड़े-थोड़े अंतराल पर गुनगुने तरल पदार्थ लेते रहें। इसके अलावा बहुस्तरीय गर्म ऊनी कपड़े पहनें। उन्होंने आगे कहा कि इन दिनों बुजुर्गों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। घना कोहरा और कड़ाके की ठंड में बाहर टहलने से बचें। बुजुर्ग और हृदय रोगी सुबह-शाम सैर न करें, बल्कि धूप में ही टहलने को प्राथमिकता दें। सिविल सर्जन ने चेतावनी दी कि सर्दियों में घर के बंद कमरों में अंगीठी जलाकर कभी भी आग न सेंकें, क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो जानलेवा साबित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के अधीन अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को ठंड से प्रभावित मरीजों के इलाज हेतु आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। डॉ. संगीता जैन ने बताया कि शरीर का तापमान कम होने पर बोलने में कंपकंपी, अधिक नींद आना, मांसपेशियों में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति को तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शराब से परहेज करें, क्योंकि शराब शरीर का तापमान घटाती है और हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ाती है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में डॉक्टर से संपर्क करें या स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 पर कॉल करें।
