एक अप्रैल, 2025 से अंतर राज्यीय आपूर्ति के मद्देनजर इनपुट टैक्स क्रेडिट का वितरणखबरीलाल टाइम्स, दिल्ली डेस्क: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि बजट में व्यापार सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जीएसटी कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावित संशोधनों में यह सम्मिलित है :
इनपुट सेवा वितरक द्वारा अंतर-राज्यीय आपूर्तियों के मद्देनजर जिन पर कर का भुगतान रिवर्स चार्ज के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के वितरण का प्रावधान 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा।
ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था के कार्यान्वयन के लिए विशिष्ट पहचान मार्किंग को परिभाषित करने के लिए नया उपबंध।
क्रेडिट नोट के संबंध में कर देनदारी में कमी के प्रयोजनार्थ पंजीकृत प्राप्तकर्ता को क्रेडिट नोट प्राप्त हुआ हो तो उस क्रेडिट नोट के संबंध में इनपुट कर क्रेडिट के बदलाव का प्रावधान।
कर की मांग के बिना केवल जुर्माने की मांग के मामलों में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपीलों के लिए जुर्माने की 10 प्रतिशत अनिवार्य राशि पहले से जमा करना।
ट्रैक और ट्रेस व्यवस्था से संबंधित प्रावधानों के उल्लंघनों पर जुर्माने का प्रावधान।
सीजीएसटी अधिनियम 2017 के अनुछेद 3 के प्रावधान के अनुसार कि निर्यात अथवा घरेलू प्रशुल्क क्षेत्र के लिए क्लीयरेंस से पहले विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में भंडार किए गए माल अथवा मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र से की गई आपूर्ति को न तो माल की आपूर्ति माना जाएगा और न ही सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा। पहले से ही भुगतान किए गए कर का कोई रिफंड उपर्युक्त संदर्भित लेनदेन के लिए उपलब्ध नहीं होगा। यह 01.7.2017 से लागू होगा।
स्थानीय प्राधिकरण की परिभाषा में प्रयुक्त स्थानीय निधि और नगरपालिका निधि शब्दों की परिभाषाओं को समाहित किया गया।
रिटर्न फाइल करने के लिए विशेष पाबंदियों और स्थितियों को जोडा गया।
बजट में कहा गया है कि जीएसटी परिषद की अनुशंसाओं के अनुसार यह बदलाव राज्यों से समन्वय के बाद अधिसूचित होने की तिथि से प्रभावी होंगे।