खबरीलाल टाइम्स डेस्क : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से संचालित डिजिटल ट्विन्स पारंपरिक तरीकों जैसे कि अलग-अलग, स्थिर, अधूरे डेटा और भौतिक हस्तक्षेपों से संबंधित चुनौतियों का समाधान करके बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजना एवं डिजाइन में क्रांति ला सकते हैं। विखंडित डेटासेट एवं आवधिक आकलन पर निर्भर करने वाले पारंपरिक तरीकों के उलट, एआई-संचालित डिजिटल ट्विन्स गोपनीयता को बनाए रखते हुए विभिन्न स्रोतों से वास्तविक समय में क्रॉस-सेक्टरल डेटा को एकीकृत करते हैं और एकीकृत योजना सुनिश्चित करके एक एकीकृत एवं गतिशील नियोजन प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं तथा एक सहयोगी इकोसिस्टम को बढ़ावा देते हैं। डिजिटल ट्विन्स निरंतर वास्तविक समय में निगरानी एवं पूर्वानुमान विश्लेषण को संभव बनाते हैं। एआई विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण करके, संसाधन आवंटन को अनुकूलित करके और विभिन्न परिस्थितियों में बुनियादी ढांचे की सुदृढ़ता को बेहतर बनाकर डेटा-संचालित निर्णय लेने की प्रक्रिया को बढ़ाता है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 15.02.2024 को ‘संगम: डिजिटल ट्विन’ पहल का अनावरण किया। इसके तहत उद्योग जगत के अग्रणी लोगों, स्टार्टअप, एमएसएमई और शिक्षाविदों को इस पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) प्रकाशित की गई। ईओआई के संदर्भ में, 169 आवेदकों का चयन किया गया। इन आवेदकों में स्टार्ट-अप भी शामिल थे।
दूरसंचार से जुड़े बुनियादी ढांचे में एआई संचालित डिजिटल ट्विन्स का कार्यान्वयन नियामक समर्थन, हितधारकों की रुचि, सहयोग की सीमा और संबंधित पक्षों की सहभागिता जैसे कारकों पर निर्भर करेगा।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।