मुजफ्फरपुर में 9 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म मामले में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर बिहार सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच), मुजफ्फरपुर की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमारी विभा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि डॉ. विभा ने रेफरल पॉलिसी का सही से पालन नहीं किया और अपने कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर चूक की। निलंबन के दौरान उन्हें स्वास्थ्य विभाग, पटना में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और आरोप-पत्र की तैयारी की जा रही है।
इसी मामले में पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को भी उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। डॉ. सिंह पर प्रशासनिक लापरवाही और अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता का आरोप है।
एनएचआरसी ने लिया स्वतः संज्ञान
1 जून, 2025 को एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मुजफ्फरपुर में दुष्कर्म की शिकार 9 वर्षीय बच्ची की मौत पीएमसीएच, पटना में हो गई, जबकि उसे इलाज शुरू करने से पहले कई घंटों तक एम्बुलेंस में इंतजार करना पड़ा। इस पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। आयोग ने दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
उच्चस्तरीय जांच के आदेश
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसकेएमसीएच और पीएमसीएच पर लगे लापरवाही के आरोपों की जांच के लिए डायरेक्टर-इन-चीफ की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है। मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पृष्ठभूमि
घटना 26 मई, 2025 की है, जब मुजफ्फरपुर जिले में एक 9 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया। 30 मई को उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण 1 जून को उसकी मौत हो गई। यह मामला न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को भी उजागर करता है।