वरिष्ठ अकाली नेता सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री खुद को “पानी का रखवाला” दिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी रीलें बनवा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य सरकार BBMB में पंजाब के इंजीनियरों और कर्मचारियों के लिए तय कोटे को भरने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार भी पिछली कांग्रेस सरकार की तरह इस मामले में आपराधिक लापरवाही बरत रही है। सिचांई और बिजली विंग में कोटा खाली
सरदार रोमाणा ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि बीबीएमबी के सिंचाई विंग में पंजाब के लिए निर्धारित कुल 152 क्लास I और II पदों में से केवल 68 ही भरे गए हैं। इसके अलावा सिंचाई विभाग में 2851 पदों में से 1669 अभी भी रिक्त हैं। बिजली विंग की स्थिति और भी गंभीर है, जहां कुल 1823 में से 1345 पद खाली पड़े हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा और राजस्थान जैसे भागीदार राज्यों ने अपने कोटे के सभी पद भर लिए हैं, लेकिन पंजाब इसमें बुरी तरह पिछड़ रहा है। राजनीति नहीं, कार्रवाई हो प्राथमिकता
सरदार रोमाणा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब राज्य अपने कोटे के अनुसार पद ही नहीं भर रहा, तो बीबीएमबी में पंजाब के अधिकारों की रक्षा कैसे संभव है? उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर “पानी-पानी” खेलने से बेहतर होगा कि सरकार ग्राउंड पर काम करे और बीबीएमबी में सभी खाली पदों को शीघ्रता से भरे।