उन्होंने बारी बारी से सभी बंदियों से उनके मुकदमे की जानकारी ली साथ ही बंदियों को जेल में बिताए गए समय,जमानत की प्रक्रिया,उपलब्ध निःशुल्क विधिक सेवा आदि के संबंध में बताया गया। सचिव ने कहा कि कोई भी बंदी मामूली अपराध के लिए लंबे समय से जेल में बंद हैं तो विधिक सेवा प्राधिकार को अविलंब आवेदन दें।
उन्हें पैनल अधिवक्ताओं के जरिए निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान करते हुए संबंधित न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन किया जाएगा।
कैदियों की सुविधा के लिए ही जेल में विधिक सहायता केंद्र स्थापित किया गया है,जहां जेल विजिटिंग पैनल अधिवक्ता एवं पारा विधिक स्वयंसेवक को प्रतिनियुक्त किया गया है। सभी बंदी विधिक सहायता केंद्र का लाभ उठायें,जुवेनाइल बंदी एवं सत्तर वर्ष से अधिक उम्र के बंदियों के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया है,जिसके तहत उनके जमानत के लिए कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने सभी वार्डों एवं रसोईघर घर,पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भौतिक निरीक्षण किया।
ठंड के मद्देनजर उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी ली,जेल में 180 पुरूष एवं 08 महिला बंदी संसिमित हैं।
मौके पर जेल विजिटिंग पैनल अधिवक्ता अमोल कुमार झा, मो.हैदर अली,रौशन कुमार,कुमार गौरव,मुन्ना दास आदि मौजूद थे।