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डीआईएलईएक्स ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के साथ मिलकर निर्यात और रोजगार को प्रोत्साहन देगा

चर्म निर्यात परिषद ने वर्ष 2030 तक 47 बिलियन डॉलर का लक्ष्य रखा, जिसमें फुटवियर और चर्म निर्यात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा

खबरीलाल टाइम्स नई दिल्ली : चर्म निर्यात परिषद (सीएलई) 20-21 फरवरी को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि, आईसीसी द्वारका, में दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय चर्म एक्सपो (डीआईएलईएक्स) 2025 का आयोजन कर रही है। डीआईएलईएक्स एक प्रमुख बी टू बी कार्यक्रम है जिसे निर्माताओं और निर्यातकों को अपने नवीनतम संकलन, नवाचारों और क्षमताओं को अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों के सामने प्रदर्शित करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करने के लिए बनाया गया है, जो व्यवहार्य सोर्सिंग विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत पहलों के साथ समन्वय करते हुए, डीआईएलईएक्स 2025 निर्यात को बढ़ाने, रोजगार सृजित करने और वैश्विक बाजारों में भारत की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

सरकार ने व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार लागू किए हैं। उद्योग जगत की एक प्रमुख मांग को पूरा करते हुए गीले नीले चमड़े पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 2 फरवरी 2025 से 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इसके साथ ही क्रस्ट चर्म पर निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, विशेष रूप से फुटवियर क्षेत्र में विनिर्माण और निर्यात को सहयोग देने के लिए एक विशेष पैकेज पेश किया गया है, साथ ही उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार लाने के उद्देश्य से एक फोकस उत्पाद योजना भी शुरू की गई है, जिससे 4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार और 1.1 लाख करोड़ रुपए का निर्यात होगा और 22 लाख नौकरियां सृजित होंगी।

एमएसएमई को सहयोग देने के लिए निवेश और टर्नओवर वर्गीकरण सीमा बढ़ा दी गई है, और सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी कवरेज को दोगुना करके 10 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जिससे पांच वर्षों में ऋण में अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपए की सुविधा मिलेगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति महिला उद्यमियों के लिए सहायता सहित कस्टम वित्तीय सहायता, समावेशी विकास को और बढ़ावा देगी। क्षेत्रीय और मंत्रिस्तरीय लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन भी शुरू किया जाएगा, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुव्यवस्थित करने के लिए व्यापार दस्तावेज़ीकरण और वित्तपोषण के लिए एक एकीकृत मंच भारत ट्रेडनेट (बीटीएन) की स्थापना की जाएगी।

चर्म निर्यात परिषद (सीएलई) चर्मक्षेत्र को उनके अटूट समर्थन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रति आभार व्यक्त करती है। सीएलई उद्योग विस्तार को प्रोत्साहन देने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए समर्पित है।

चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार जालान ने बताया कि बजट में की गई घोषणाएं भारत के चर्म और फुटवियर क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण समय पर हुई है, जो दूरदर्शी “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहलों के तहत तेजी से वैश्विक विनिर्माण और सोर्सिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है। सीएलई ने 2030 तक 47 बिलियन अमरीकी डॉलर का लक्ष्य तय किया है। इसमें से 13.7 बिलियन अमरीकी डॉलर निर्यात क्षेत्र के लिए है।

श्री राजेंद्र के. जालान ने बताया कि, “उद्योग जगत के मुद्दों का समाधान करने में सरकार का सक्रिय रुख – विशेष रूप से शुल्क में कटौती और एमएसएमई के लिए वित्तीय सहायता – भारत के चर्म क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर अहम भूमिका में लाने में सहायक होगा। सीएलई सतत विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

संयुक्त सचिव श्री विमल आनंद ने कहा, “केंद्रीय बजट 2025 ने ऋण पहुंच को बढ़ाकर, शुल्कों को युक्तिसंगत बनाकर और प्रमुख नीतिगत ढांचे को बनाए रखते हुए चर्म और फुटवियर क्षेत्र को बहुत जरूरी प्रोत्साहन दिया है। उद्योग नए विशेष पैकेज और निर्यात-उन्मुख प्रोत्साहनों के साथ अहम वृद्धि के लिए तैयार है।”

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