खबरीलाल टाइम्स डेस्क : भिक्षावृत्ति मुक्त भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहरी स्थानीय निकायों, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों और हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सर्वोत्तम कार्यप्रणाली और रणनीतियों पर विचार विमर्श किया

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) ने आज इंदौर में भिक्षावृत्ति में सक्रिय व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास हेतु स्माइल उप-योजना (स्माइल-बी) पर केंद्रित एक राष्ट्रीय कार्यशाला और अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव श्री अमित यादव ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

इस एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्यों के नोडल अधिकारी, शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि, गैर सरकारी संगठन और विशेषज्ञ नेटवर्क के सदस्य एक मंच पर साथ आए, ताकि बचाव, प्राथमिक पुनर्वास और आजीविका अभिसरण पर विशेष बल देते हुए स्माइल-बी के कार्यान्वयन को मजबूत करने पर मुख्य रुप से केंद्रित बातचीत की जा सके।

कार्यशाला की विशेषताएं:

  • तकनीकी सत्रों में वास्तविक जीवन की सफलता की कहानियों के माध्यम से भिक्षावृत्ति में लगे व्यक्तियों के बचाव और पुनर्वास के विभिन्न घटकों को शामिल किया गया और कौशल विकास (एनएसडीसी प्रस्तुति) के माध्यम से आजीविका के अवसरों और एनआईएसडी के संसाधन व्यक्ति द्वारा परामर्श पद्धति के विशेषज्ञ सत्रों में 6 राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ पैनल चर्चा, क्षेत्र के अनुभवों को साझा करना शामिल था और कार्यक्रम का समापन मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा एसओपी और सर्वोत्तम कार्यप्रणाली पर प्रशिक्षण के साथ हुआ।
  • लाभार्थियों द्वारा अनुभव साझा करना- जो सफलतापूर्वक भिक्षावृत्ति से बाहर आ गए हैं और पुनर्वास से गुजरे हैं।
  • हितधारक परामर्श: अपर सचिव (सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग) के नेतृत्व में हितधारकों ने संशोधित एसएमआईएल दिशानिर्देशों, लागत मानदंडों और बेहतर कार्यान्वयन और वित्त वर्ष 2025-26 से आगे संभावित विस्तार के लिए रणनीतियों पर चर्चा की।
श्री अमित यादव ने अपने मुख्य भाषण में, भिक्षावृत्ति में सम्मिलित व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर बल दिया और प्रभावशाली परिणामों के लिए एकीकृत कार्रवाई, क्षमता निर्माण और डेटा-संचालित कार्यान्वयन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (मध्य प्रदेश) की प्रमुख सचिव सुश्री सोनाली पोंक्षे वायंगणकर ने समावेशी पुनर्वास की दिशा में की गई पहलों पर प्रकाश डाला और भिक्षावृत्ति में सम्मिलित व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अंतर-विभागीय समन्वय के महत्व पर भी बल दिया। अपर सचिव (सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग), सुश्री कैरलिन के. देशमुख ने अपने संबोधन में, समावेशी और सम्मानजनक सामाजिक समर्थन के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

अक्टूबर 2023 में शुरू की गई स्माइल योजना (आजीविका और उद्यम के लिए वंचित व्यक्तियों के लिए सहायता) एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों, नागरिक समाज संगठनों और विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से भिक्षावृत्ति मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है। अब तक 22,410 से ज़्यादा व्यक्तियों की पहचान और 3,400 के पुनर्वास के साथ, स्माइल योजना तीसरे चरण में 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 शहरों को कवर करते हुए अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए तैयार है।

इस राष्ट्रीय कार्यान्वयन कार्यशाला और राष्ट्रीय स्तर के परामर्श में देश भर के 23 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 67 जिलों के राज्य नोडल अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी, गैर सरकारी संगठन/कार्यान्वयन एजेंसियां, मध्य प्रदेश सरकार, एनआईएसडी, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ आए और समाज के सबसे वंचित वर्गों के सम्मान, समावेशन और स्थायी आजीविका के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। श्री अमित यादव ने कार्यशाला के दौरान, भिक्षावृत्ति में सम्मिलित पुनर्वासित व्यक्तियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की भी समीक्षा की।

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