खबरीलाल टाइम्स डेस्क : केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली के क्षेत्र में कई पहलों को शुरु किया हैं। इस संदर्भ में राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत करने की पहल के तहत, मंत्रालय ने डेटा आधारित निर्णय लेने के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर गुणवत्तापूर्ण डेटा की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने करने हेतु कई सुधार किए हैं, जिनमें डेटा संग्रह, डेटा प्रोसेसिंग, डेटा प्रसार और डेटा अवसंरचना में सुधार शामिल हैं। कुछ पहलें इस प्रकार हैं:
(i) सामाजिक-आर्थिक मोर्चों पर विकास का मुल्यांकन करने और साक्ष्य आधारित हस्तक्षेपों का समर्थन करने के लिए, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अखिल भारतीय स्तर पर, राष्ट्रीय और राज्य/केन्द्र शसित प्रदेश, दोनों स्तरों पर, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम और रोजगार आदि जैसे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों पर नमूना सर्वेक्षण संचालित किए हैं।
(ii) समय अंतराल को कम करने के लिए, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय डेटा संग्रह के लिए नमूना सर्वेक्षणों में अंतर्निहित सत्यापन तंत्र के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है।
(iii) प्रमुख वृह्द आर्थिक संकेतकों, जैसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई), औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के अनुमान न्यूनतम समय अंतराल के साथ अग्रिम रिलीज कैलेंडर (एआरसी) के अनुसार जारी किए जाते हैं।
(iv) आधिकारिक सांख्यिकी के लिए डेटा प्रबंधन को आसान बनाने के लिए, ई-सांख्यिकी पोर्टल शुरू किया गया। यह पोर्टल महत्वपूर्ण वृह्द संकेतकों का समय श्रृंखला डेटा और मंत्रालय की प्रमुख डेटा एसेट्स की सूची प्रदान करता है।
(v) राज्य सांख्यिकी प्रणाली की सांख्यिकीय क्षमता और संचालन को मजबूत करने के लिए चल रही सांख्यिकी सुदृढ़ीकरण संबंधी केंद्रीय क्षेत्र उप-योजना (एसएसएस) के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अनुदान सहायता मुहैया कराई गई।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।