खबरीलाल टाइम्स डेस्क कानपूर : विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह प्रस्ताव आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में शामिल होने की उम्मीद है। ऐसा होते ही टेंडर कराकर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। निर्माण में करीब तीन साल लगेंगे।

विस्तार

कानपुर शहर से शुक्लागंज को जोड़ने के लिए गंगा पर चार लेन का पुल और रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाया जाएगा। करीब 415 करोड़ की लागत से आगामी वित्तीय वर्ष में इसका निर्माण शुरू होने की संभावना है। पुल और आरओबी बनने से शहर से रोज शुक्लागंज, उन्नाव, लखनऊ आने-जाने वाले औसतन एक लाख लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा। सेतु निगम इसकी निर्माण एजेंसी है।

झाड़ी बाबा पड़ाव होते हुए शुक्लागंज आवागमन के लिए अंग्रेजों के जमाने में बना गंगा घाट पुल टूटने की वजह से लोग दो-लेन के नवीन गंगा पुल से आवागमन करते हैं। अत्यधिक वाहनों की वजह से इस पुल पर रोज खासकर सुबह और शाम यातायात प्रभावित होता है। आए दिन जाम भी लगता है। जाम से बचने के लिए हजारों लोग जाजमऊ पुल या बैराज मार्ग से उन्नाव, लखनऊ आते-जाते हैं। नए पुल को इसी टूटे हुए पुल के करीब 50 मीटर दूर बनाए जाने की योजना है।

लगभग डेढ़ किलोमीटर रखी गई है प्रस्तावित लंबाई
यह पुल शहर की तरफ झाड़ी बाबा पड़ाव के आगे स्टेडियम के पास से शुरू होगा। इसकी प्रस्तावित लंबाई लगभग डेढ़ किलोमीटर रखी गई। खास बात यह है कि शुक्लागंज की तरफ इसकी दो लेन पुराने गंगा पुल के पास सड़क से जुड़ेंगी। अन्य दो लेन शुक्लागंज रेलवे स्टेशन के पास कानपुर-लखनऊ रेलवे लाइन पर रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाकर उसके आगे उतरेंगी। संयुक्त रूप से बनने वाले पुल और आरओबी से उन्नाव, लखनऊ की तरफ भी वाहन जा सकेंगे और वहां से वाहन इसी पुल से शहर की तरफ आ भी सकेंगे।

निर्माण में करीब तीन साल लगेंगे
शासन स्तर पर इसे सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। करीब एक महीने पहले कानपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश सिंह की ओर से इस संबंध एक प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव के माध्यम से शासन को भेजा गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह प्रस्ताव आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में शामिल होने की उम्मीद है। ऐसा होते ही टेंडर कराकर निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। निर्माण में करीब तीन साल लगेंगे।

एक नजर

  • नदी पुल व आरओबी का प्रकार- चार लेन
  • लागत- करीब 415 करोड़ रुपये
  • लंबाई- लगभग डेढ़ किलोमीटर
  • लाभ- शुक्लागंज, उन्नाव, लखनऊ आवागमन होगा आसान
  • निर्माण अवधि- तीन साल

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