खबरीलाल टाइम्स डेस्क : देश में गैस आधारित संयंत्र बहुत कम प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) पर काम कर रहे हैं। विद्युत उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, सरकार ने तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) को ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) श्रेणी में रख दिया है, जिससे विद्युत संयंत्रों को आपूर्तिकर्ताओं के साथ पारस्परिक रूप से सहमत वाणिज्यिक शर्तों पर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एलएनजी आयात करने की अनुमति मिल गई है। 2024-25 (अप्रैल-जनवरी) के दौरान विद्युत संयंत्रों द्वारा लगभग 9.58 एमएमएससीएमडी गैस आयात की गई थी। सरकार ने समय-समय पर सबसे ज्यादा मांग अवधि के दौरान गैस आधारित विद्युत संयंत्रों से बिजली की प्रतिस्पर्धी खरीद के लिए योजनाएं लाई हैं।
ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों में अन्य बातों के साथ-साथ राष्ट्रीय गैस ग्रिड पाइपलाइन का विस्तार, सिटी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क का विस्तार, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनलों की स्थापना, संपीडित प्राकृतिक गैस (परिवहन)/पाइप के जरिए प्राकृतिक गैस (घरेलू) सीएनजी (टी) / पीएनजी (डी) को प्राथमिकता के आधार पर घरेलू गैस का आवंटन, उच्च दबाव / उच्च तापमान वाले क्षेत्रों, गहरे पानी और अति-गहरे पानी और कोयला सीम्स से उत्पादित गैस के लिए अधिकतम मूल्य के साथ विपणन और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता की अनुमति देना, जैव-सीएनजी को बढ़ावा देने के लिए किफायती परिवहन के लिए संधारणीय विकल्प (एसएटीएटी) पहल आदि शामिल हैं।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने आज यह जानकारी राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।