खबरीलाल टाइम्स, झारखंड डेस्क: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त शेखर जमुआर को प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर गोदरमाना, रंका स्थित लाडली सेवा सदन में मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की गई। उपायुक्त को जानकारी मिली थी कि झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित इस क्लिनिक में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड कर गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण किया जा रहा है।
प्राप्त सूचना के आधार पर उपायुक्त के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी रंका, श्री रूद्र प्रताप की अगुवाई में छापेमारी दल का गठन किया गया, जिसमें अंचल अधिकारी रंका शिवपूजन तिवारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. असजद अंसारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह शामिल थे।
बिना किसी को भनक लगे जांच दल ने सीधे लाडली सेवा सदन में छापेमारी की। संचालिका तबस्सुम आरा ने शुरुआत में अल्ट्रासाउंड की बात से इनकार किया, परंतु जांच के दौरान एक भर्ती मरीज अंकिता देवी ने स्वीकार किया कि उसने पूर्व में दो बार इसी सेंटर में अल्ट्रासाउंड करवाया है।
एक बंद कमरे की तलाशी लेने पर वहां एक नवजात शिशु (लड़का) मिला, जिसे तत्काल 108 एम्बुलेंस से गढ़वा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज NICU में चल रहा है। इसी कमरे से लगे दूसरे कमरे से अल्ट्रासाउंड मशीन, मेडिकल बेड, जेल, दस्ताने समेत संबंधित उपकरण बरामद किए गए।
जांच के दौरान एक पंजी भी मिला जिसमें मरीज अमिता सिंह का नाम दर्ज था, जिसने इसी केंद्र में अल्ट्रासाउंड कराया था। साथ ही कई आपत्तिजनक सामग्री जैसे गर्भपात की किट, बेहोशी की दवाएं, प्रतिबंधित दवाइयां, विभिन्न डॉक्टरों के नाम की मोहरें और फर्जी पर्चियाँ भी जब्त की गईं।
संचालिका तबस्सुम आरा और उसके पति शाहीद आलम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनके विरुद्ध रंका थाना में केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
उपायुक्त शेखर जमुआर ने स्पष्ट किया कि भ्रूण लिंग जांच और अवैध गर्भपात जैसे गंभीर अपराध में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी मेडिकल संस्थानों को चेतावनी दी कि यदि वे इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध भी सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
यह कार्रवाई न सिर्फ कानून के उल्लंघन पर रोकथाम का उदाहरण है, बल्कि मानवता और महिला अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सशक्त कदम भी है।