खबरीलाल टाइम्स डेस्क : पारसी समुदाय को समर्थन देने और उनकी घटती जनसंख्या को रोकने के निरंतर प्रयास में, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने आज मुंबई में जियो पारसी योजना के लाभार्थियों के लिए एक दिवसीय बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अभियान चलाया।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के उप महानिदेशक श्री आलोक कुमार वर्मा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बॉम्बे पारसी पंचायत और महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की और लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी देखी गई, जिसमें मुंबई में पंजीकृत 148 लाभार्थियों में से लगभग 100 ने भाग लिया और अपना अनिवार्य वार्षिक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पूरा किया।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहल जियो पारसी योजना में तीन प्रमुख घटक शामिल हैं:

चिकित्सा सहायता – आईवीएफ, आईसीएसआई, सरोगेसी और गर्भधारण के बाद की देखभाल जैसे बांझपन से जुड़े उपचारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

समुदाय का स्वास्थ्य – बच्चों वाले पारसी दम्पतियों के साथ-साथ आश्रित बुजुर्ग सदस्यों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

समर्थन – समुदाय के भीतर समय पर विवाह, प्रजनन संबंधी जागरूकता और पारिवारिक समर्थन को बढ़ावा।

मंत्रालय इस योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। अब तक जियो पारसी योजना के तहत नामांकन के लिए 138 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये आवेदन अभी जांच के चरण में हैं और योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन पर कार्रवाई की जाएगी।

जियो पारसी योजना भारत के सबसे छोटे और सबसे प्रतिष्ठित समुदायों में से एक की सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय निरंतरता का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज का सफल बायोमेट्रिक अभियान पारदर्शिता, जवाबदेही और पारसी समुदाय को निरंतर लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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