खबरीलाल टाइम्स डेस्क : मोदी सरकार की हरित गतिशीलता प्रदान करने और ईवी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए प्रतिबद्धता – राज्य मंत्री

तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था, स्वच्छ गतिशीलता यात्रा के अपने मिशन में अग्रसर है- राज्य मंत्री

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ​​ने आज दिल्ली के यशोभूमि में भारत के वाहन विद्युतीकरण रोडमैप पर भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह 2025 सत्र का उद्घाटन किया।

श्री मल्होत्रा ने कहा कि देश में हरित गतिशीलता और ईवी विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और पीएम ई ड्राइव और फेम-II योजनाओं की शुरुआत इसका प्रमाण है।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में स्वच्छ परिवहन यात्रा के अपने मिशन पर अग्रसर है। इसके अलावा, ईवी रेट्रोफिटिंग नियमन और ईवी के लिए टोल टैक्स छूट जैसी नीतियों का उद्देश्य परिवहन को और अधिक सुलभ और टिकाऊ बनाना है।

श्री मल्होत्रा ​​ने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बदलाव महज एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, आर्थिक लचीलापन और ऊर्जा सुरक्षा बनाए रखने के लिए एक राष्ट्रीय अनिवार्यता है।

उन्होंने बताया कि मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, जिन्हें सड़क, रेल और वेयरहाउसिंग को एकीकृत करते हुए सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विकसित किया जा रहा है।  अब ये हरित ऊर्जा प्रावधानों और ईवी-अनुकूल सुविधाओं से सुसज्जित किए जा रहे हैं, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, उत्सर्जन कम होगा और स्वच्छ एवं कनेक्टेड परिवहन केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

श्री मल्होत्रा ​​ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोदी सरकार वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत स्वच्छ गतिशीलता समाधानों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की दहलीज पर खड़ा है। उन्होंने हितधारकों से एक ऐसा परिवहन भविष्य बनाने का आग्रह किया जो न केवल इलेक्ट्रिक हो, बल्कि सुरक्षित, समावेशी और पर्यावरण के लिए भी जिम्मेदार हो।

मंत्री ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि भारत की जलवायु और गतिशीलता आवश्यकताओं के अनुरूप बैटरी भंडारण प्रौद्योगिकियां हमारे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगी। उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने, स्थानीय स्तर पर विनिर्माण करने और बैटरी रीसाइक्लिंग और पुन: उपयोग जैसे समाधान अपनाने का आग्रह किया।

श्री मल्होत्रा ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय औद्योगिक और व्यावसायिक विकास देखा है। यह गति अब 2070 नेट जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का मुख्य फोकस है।

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