खबरीलाल टाइम्स डेस्क : पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) फरवरी 2014 से पूरे देश में “राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी)” योजना को लागू कर रहा है। जुलाई 2021 में इस योजना को 2021-22 से 2025-26 तक कार्यान्वयन के लिए निम्नलिखित दो घटकों के साथ पुनर्गठित/पुनर्व्यवस्थित किया गया है:

(i) एनपीडीडी का घटक ‘ए’ राज्य सहकारी डेयरी संघों/जिला सहकारी दूध उत्पादक संघों/एसएचजी/दूध उत्पादक कंपनियों/किसान उत्पादक संगठनों के लिए गुणवत्तायुक्त दूध परीक्षण उपकरणों के साथ-साथ प्राथमिक शीतलन सुविधाओं के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के सृजन/सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित है।

(ii) एनपीडीडी योजना के घटक ‘बी’ “सहकारिता के माध्यम से डेयरी” का उद्देश्य संगठित बाजार तक किसानों की पहुंच बढ़ाकर, डेयरी प्रसंस्करण सुविधाओं और विपणन संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर को उन्नत करके और उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाओं की क्षमता में वृद्धि करके दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री में वृद्धि करना है।

एनपीडीडी योजना के घटक ‘ए’ के अंतर्गत तमिलनाडु सहित देश भर में 110 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसका कुल परिव्यय 2247.46 करोड़ रुपये है (जिसमें 1658.29 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है) और एनपीडीडी योजना के घटक ‘बी’ के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान 1130.62 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत (705.53 करोड़ रुपये की ऋण राशि, 329.70 करोड़ रुपये का अनुदान और भागीदार संस्थान (पीआई) के 93.38 करोड़ रुपये के योगदान सहित) के साथ 22 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। योजना के तहत स्वीकृत कुल 132 परियोजनाओं में से 52 पूरी हो चुकी हैं। तमिलनाडु में पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान 177.61 करोड़ रुपये (133.42 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से सहित) के कुल परिव्यय के साथ 4 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन 4 परियोजनाओं में से 2 एनपीडीडी योजना के अंतर्गत पूरी हो चुकी हैं।

पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान कुल 16041 डेयरी सहकारी समितियों का गठन किया गया है और 15.31 लाख किसानों/दूध उत्पादकों को एनपीडीडी योजना के तहत नामांकित किया गया है। तमिलनाडु सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (टीसीएमपीएफएल) ने बताया है कि तमिलनाडु में 9235 सहकारी समितियों से जुड़े कुल 3.79 लाख किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिलने से फायदा हुआ है और इस योजना ने उत्पादकों को अपने दूध की आपूर्ति को लेकर पहुंच बढ़ाने में मदद की है।

पिछले तीन वर्षों (2021-22 से 2023-24) के दौरान एनपीडीडी योजना के तहत 1.82 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) की डेयरी प्लांट क्षमता बढ़ाई गई है। इसके अलावा, टीसीएमपीएफएल ने बताया है कि तमिलनाडु राज्य में एनपीडीडी योजना के अलावा बनाए गए दूध प्रसंस्करण संयंत्र और मूल्य वर्धित उत्पाद क्षमता निम्नानुसार है:

क्र.सं.योजना/वित्तपोषणतैयार की गई गतिविधि
1.प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई)2.00 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र
2.राष्ट्रीय कृषि विकास कार्यक्रम (एनएडीपी)।कोयंबटूर में 2000 किलोग्राम प्रतिदिन क्षमता का पनीर प्लांट
3टीसीएमपीएफएल फंडकोयम्बटूर, मदुरै में 30,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता का आइसक्रीम प्लांट
4.राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)विरुधुनगर जिला दुग्ध संघ में मक्खन, घी और पनीर की उत्पादन क्षमता क्रमशः 5000 किलोग्राम प्रतिदिन, 2000 लीटर प्रतिदिन और 1000 किलोग्राम प्रतिदिन है।
5.दुग्ध संघ निधिकांचीपुरम-तिरुवल्लूर जिला दुग्ध संघ द्वारा 10,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता का दही संयंत्र।
एनपीडीडी के कॉम्प-बी के अंतर्गत, जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) सहायता प्राप्त कार्यक्रम के तहत, किसानों और सहकारी समितियों के हित में डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए पात्र संस्थानों को 1.50 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया गया है।

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने 19 मार्च, 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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