खबरीलाल टाइम्स डेस्क : प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-एजेएवाई) केंद्र सरकार की एक प्रायोजित योजना है। इस योजना को 2021-22 से लागू किया जा रहा है। इस योजना के तीन घटक हैं: (i) आदर्श ग्राम (ii), अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए जिला/राज्य स्तरीय परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता और (iii) छात्रावास।
इस योजना के उद्देश्य और भूमिका इस प्रकार हैं:
अनुसूचित जाति बहुल गांवों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे और अपेक्षित सेवाएं सुनिश्चित करके सामाजिक-आर्थिक विकास संकेतकों में सुधार करना।
कौशल विकास, आय सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के जरिये अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करके अनुसूचित जाति समुदायों की गरीबी को कम करना।
गुणवत्तापूर्ण संस्थानों में पर्याप्त आवासीय सुविधाएं प्रदान करके, साथ ही जहां आवश्यक हो, आवासीय विद्यालय उपलब्ध कराकर, विशेष रूप से आकांक्षी जिलों/अनुसूचित जाति बहुल ब्लॉकों और देश में कहीं भी, साक्षरता में वृद्धि करना और अनुसूचित जातियों के नामांकन को प्रोत्साहित करना।
वित्त वर्ष 2024-25 में 4,928 गांवों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है और 4,25,821 लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं, जिसने अनुसूचित जाति बहुल गांवों में पर्याप्त बुनियादी ढांचे और अपेक्षित सेवाएं सुनिश्चित करके सामाजिक-आर्थिक विकास किया है।
‘अनुदान सहायता’ घटक का उद्देश्य कौशल विकास, आय सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के जरिये अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करके अनुसूचित जाति समुदायों की गरीबी को कम करना है। इस घटक के तहत 2021-22 से अब तक 9,549 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है और 2,01,006 अनुसूचित जाति लाभार्थियों को लाभ पहुंचाते हुए 1,219.80 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता जारी की गई है।
अब तक, पीएम-एजेएवाई योजना के छात्रावास घटक के तहत 69,212 लाभार्थियों को कवर करते हुए 866 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं और 936.27 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जो अनुसूचित जाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। स्वीकृत कुल छात्रावासों में से 96 छात्रावास निर्माणाधीन हैं।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।