खबरीलाल टाइम्स डेस्क : मुफ्त बिजली योजना ने 10 लाख सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना की उपलब्धि हासिल की
भूमिका


- घरों के लिए मुफ्त बिजली: यह योजना छतों पर सब्सिडी वाले सौर पैनल स्थापित करके घरों को मुफ्त बिजली प्रदान करती है, जिससे उनकी ऊर्जा लागत में काफी कमी आती है।
- सरकार के लिए बिजली की लागत में कमी: सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देकर, इस योजना के माध्यम से सरकार को बिजली की लागत में अनुमानित रूप से सालाना 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
- नवीकरणीय ऊर्जा का बढ़ता उपयोग: यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने को प्रोत्साहित करती है, जिससे भारत में अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा की दिशा में योगदान मिलता है।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी: इस योजना के तहत सौर ऊर्जा को अपनाने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।
औसत मासिक बिजली खपत (यूनिट) | उपयुक्त छत सौर संयंत्र क्षमता | सब्सिडी सहायता |
0-150 | 1-2 किलोवाट | 30,000 रुपये से लेकर 60,000 रुपये तक |
150-300 | 2-3 किलोवाट | 60,000 रुपये से लेकर 78,000 रुपये तक |
> 300 | 3 किलोवाट से अधिक | 78,000 रुपये |



- घरेलू बचत और आय का सृजन: घरों को अपने बिजली बिलों के मामले में महत्वपूर्ण बचत का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें अपने छत पर स्थापित सौर प्रणाली द्वारा उत्पादित अधिशेष बिजली को डिस्कॉम को बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर मिलेगा। उदाहरण के लिए, 3-किलोवाट वाली प्रणाली प्रति माह औसतन 300 से अधिक यूनिट उत्पन्न कर सकती है, जोकि ऊर्जा और संभावित राजस्व का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करता है।
- सौर क्षमता का विस्तार: इस योजना से आवासीय क्षेत्र में छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के माध्यम से 30 गीगावाट की सौर क्षमता जुड़ने का अनुमान है, जोकि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- पर्यावरणीय लाभ: छत पर स्थापित इन सौर प्रणालियों के 25 वर्ष के जीवनकाल में, यह अनुमान लगाया गया है कि यह योजना 1000 बीयू बिजली उत्पन्न करेगी, तथा कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 720 मिलियन टन की कमी लाएगी, जिससे पर्यावरण पर पर्याप्त सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- रोजगार का सृजन: इस योजना से मैन्यूफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, स्थापना, संचालन एवं रखरखाव (ओ एंड एम) और अन्य सेवाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, जिससे देश में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।