खबरीलाल टाइम्स डेस्क : श्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर शांति एवं सौहार्द बनाए रखने तथा स्थायी संपर्क एवं तनाव कम करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रारूप के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने पर बल दिया
उन्होंने स्थापित व्यवस्था को पुन: सक्रिय बनाते हुए सीमा पर सीमांकन के स्थायी समाधान का समर्थन किया
एशिया एवं विश्व में स्थिरता के लिए सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ और सहयोग बढ़ाने के लिए पड़ोस में बेहतर वातावरण की आवश्यकता जताई: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 26 जून, 2025 को चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षामंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर गहन विचार-विमर्श किया।
रक्षा मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने स्थायी जुड़ाव और तनाव कम करने के लिए एक सुव्यवस्थित प्रारूप के माध्यम से जटिल मुद्दों के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।
श्री राजनाथ सिंह ने सीमा प्रबंधन पर जोर देते हुए इस मुद्दे पर स्थापित तंत्र को फिर से सक्रिय करते हुए सीमा पर सीमांकन के स्थायी हल का समर्थन किया। उन्होंने सर्वोत्तम पारस्परिक लाभ प्राप्त करने के साथ-साथ एशिया और दुनिया में स्थिरता के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए अच्छे पड़ोसी हालात बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जमीनी स्तर पर कार्रवाई करके 2020 के सीमा गतिरोध के बाद उत्पन्न अविश्वास को दूर करने का भी आह्वान किया।
दोनों मंत्रियों ने वर्तमान व्यवस्थाओं के माध्यम से सैनिकों की वापसी, तनाव कम करने, सीमा प्रबंधन और अंततः सीमांकन से संबंधित मुद्दों पर प्रगति हासिल करने के लिए विभिन्न स्तरों पर परामर्श जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने की महत्वपूर्ण उपलब्धि पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने पांच वर्ष के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुन: शुभारंभ होने की भी सराहना की।
श्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों के खिलाफ किए गए जघन्य आतंकवादी हमले और पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के उद्देश्य से भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी जानकारी दी।