सभा के दौरान सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय ने संबोधित करते हुए कहा कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत विभाग जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के रक्त की जांच संयुक्त रूप से करेगा।
सिविल सर्जन डॉ राय ने बताया कि अभियान फरवरी महीने से शुरू होगा और स्वास्थ्य विभाग की टीमें करीब 30 हजार विद्यार्थियों के ब्लड की जांच करेंगी।
जिला टीकाकरण अधिकारी कॉम नोडल अधिकारी डॉ.वृंदर पाल कौर ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में एनीमिया की समस्या को दूर करना है। नोडल अधिकारी डॉ. वृंदर पाल कौर ने बताया कि बैठक के दौरान पहुंचे चिकित्सा अधिकारियों को हीमोग्लोबिन परीक्षण के लिए प्राप्त उपकरणों की ट्रेनिंग दी गई ताकि अभियान के दौरान मशीन का उपयोग करते समय उन्हें ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े। बताया कि उपकरण का प्रशिक्षण ट्रेनर सुधा चंद्रा ने दिया था।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 3T (टॉक, टेस्ट, ट्रीट) फार्मूला विकसित किया है जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी पहले छात्रों के साथ बातचीत करके एनीमिया के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं उसके बाद उनके रक्त की जांच की जाती है और अगर कोई एनीमिया से पीड़ित पाया जाता है तो इसका इलाज गारंटी नहीं है।
डॉ. वृंदर पाल कौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के दौरान विभाग को विशेष रक्त परीक्षण उपकरण मिले हैं जिसके माध्यम से बिना इंजेक्शन के हीमोग्लोबिन का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग इस अभियान को लेकर फैला रहा है ताकि अधिक से अधिक छात्र इस अभियान का लाभ उठा सकें।
इस अवसर पर डॉ.सुखजिंदर सिंह, सिला मास मीडिया अधिकारी श्री सुखवंत सिंह सिद्धू आरबीएस के समन्वयक श्रीमती रजनी शर्मा उपस्थित थे।
