खबरीलाल टाइम्स, पंजाब डेस्क: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर चलाए जा रहे राज्यव्यापी नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशे दे विरुद्ध’ के तहत पंजाब सरकार ने नशा पीड़ितों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाते हुए अब तक 7673 नशा करने वाले व्यक्तियों को नशामुक्ति उपचार लेने के लिए प्रेरित किया है। यह आंकड़ा 1 मार्च 2025 से अभियान की शुरुआत के बाद का है।

पंजाब सरकार ने राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए तीन स्तंभों वाली रणनीति—प्रवर्तन (Enforcement), नशामुक्ति (De-addiction) और रोकथाम (Prevention) अपनाई है। इस रणनीति के तहत पंजाब पुलिस, पुलिस महानिदेशक गौरव यादव के नेतृत्व में एक ओर जहां नशा तस्करों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी ओर नशा पीड़ितों को उपचार के लिए प्रेरित कर रही है।

विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) अरपित शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 4228 नशा पीड़ितों को विभिन्न नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती कराया गया है, जबकि 3445 व्यक्तियों को आउट-पेशेंट ओपिओइड असिस्टेड ट्रीटमेंट (OOAT) केंद्रों में ले जाया गया है।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने राज्यभर में नशामुक्ति केंद्रों की सुविधाओं को और बेहतर किया है ताकि अधिक से अधिक नशा पीड़ितों को उपचार मिल सके।

इस बीच, अभियान के 80वें दिन, पुलिस ने नशे के खिलाफ कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO) जारी रखते हुए राज्यभर में 475 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 125 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर 84 एफआईआर दर्ज की गईं। अब तक इस अभियान में कुल 12,275 तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

विशेष डीजीपी ने बताया कि इन छापेमारी अभियानों में पुलिस ने 7.6 किलोग्राम हेरोइन, 2 किलोग्राम अफीम, और ₹11.84 लाख नशे की कमाई जब्त की है। इस कार्रवाई में 200 से अधिक पुलिस टीमों, 1400 पुलिसकर्मियों और 95 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में अभियान चलाया गया, जिसमें 516 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की गई।

यह अभियान आने वाले समय में भी इसी तीव्रता से जारी रहेगा ताकि पंजाब को पूरी तरह से नशामुक्त बनाया जा सके।

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