झारखंड की सियासत में एक बार फिर आदिवासी हितों को लेकर गरमाहट बढ़ गई है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुलनाथ शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर तीखा हमला बोलते हुए उसे आदिवासी हितैषी होने का “ढोंग” करार दिया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा आदिवासियों के हक में आवाज उठाना झामुमो को असहज कर रहा है।
शाहदेव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार खुद को आदिवासियों की हितैषी बताती है, लेकिन रिम्स-2 अस्पताल के निर्माण के लिए आदिवासियों की जमीन जबरन छीनी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि ग्रामीणों ने बाबूलाल मरांडी को वे दस्तावेज दिखाए हैं जिनसे यह साबित होता है कि विवादित जमीन का अधिग्रहण कभी हुआ ही नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि जब आदिवासी खुद सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि सरकार का आदिवासी हितैषी चेहरा केवल एक राजनीतिक दिखावा है। भाजपा ने यह भी कहा कि आदिवासियों की सहमति के बिना किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य कड़ा विरोध झेलेगा।
झारखंड की राजनीति में यह बयानबाजी आगामी समय में जमीन अधिग्रहण और आदिवासी अधिकारों को लेकर नई बहस को जन्म दे सकती है।